बहनजी से तो हाथ मिला लिया पर जनता से नहीं मिला पाए, मुझसे हारेंगे अखिलेश: निरहुआ

लखनऊ यूपी के आजमगढ़ में बीजेपी के उम्मीदवार और भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' ने इस सीट पर एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जीत का दावा किया है। समाजवादियों के गढ़ में अखिलेश को पटखनी के सवाल पर निरहुआ दो टूक कहते हैं, 'एसपी अध्यक्ष ने बहनजी (बीएसपी सुप्रीमो मायावती) से तो हाथ मिला लिया लेकिन जनता के साथ कनेक्शन नहीं कर पाए हैं। जनता के दिल में नहीं उतर पाए हैं। यहां जनता के दिल में सिर्फ और सिर्फ निरहुआ है। ऐसे में मेरी जीत यहां से पक्की है।' हालांकि इस दौरान निरहुआ ने यह भी कहा कि वह पहले अखिलेश यादव को पसंद करते थे। भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाल अपनी चुनावी रणनीति पर बात करते हुए कहते हैं, 'मेरी रणनीति बिल्कुल स्पष्ट है। हम पीएम मोदी के कार्य को लोगों के सामने रख रहे हैं। यूपी में सीएम योगी के काम को उन्हें बता रहे हैं। यह चुनाव सीधे मोदी के लिए है। मैं जनता से सीधे कहता हूं कि अगर आपको मोदी से बेहतर कोई विकल्प लगता है तो उन्हें वोट कर दीजिए और नहीं तो फिर अपने वोट को बर्बाद मत कीजिए।' अखिलेश यादव से चुनौती के सवाल पर निरहुआ कहते हैं, 'कोई चुनौती नहीं है। वह लड़ाई में दूर-दूर तक नहीं हैं।' इस दौरान निरहुआ यह भी बताते हैं कि वह पहले अखिलेश यादव को पसंद करते थे। पर, जबसे अखिलेश यादव ने सिर्फ मोदी विरोध में लोगों (अलग-अलग पार्टियों) से मिलकर राजनीति शुरू कर दी, उन्हें लगने लगा कि अब वह पुराने अखिलेश नहीं रहे। दिनेश कहते हैं, 'मैं भी पहले अखिलेशजी को पसंद करता था। पर, यह क्या है कि कोई देश के लिए अच्छा काम कर रहा है, उसे भी सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए आप रोकने की कोशिश कर रहे हैं। वह भी उन लोगों से मिलकर, जो अब तक हमेशा आपके खिलाफ रहे हैं। अखिलेश की इस सोच ने मुझे उनसे दूर कर दिया।' राजनीतिक पिच पर पहली बार उतरे निरहुआ यह नहीं मानते कि वोटरों के बीच नौसिखिया और वरिष्ठ नेताओं के होने से कोई खास फर्क पड़ता है। इस सवाल पर कि आजमगढ़ में कई लोग यह कह रहे हैं कि एक कलाकार के रूप में तो निरहुआ पसंद हैं लेकिन राजनीति में अभी वह नौसिखिया हैं, दिनेश कहते हैं, 'किसी भी क्षेत्र में हर कोई पहले नया ही होता है। अखिलेश यादव भी कभी नए रहे होंगे। मुझे लगता है इसका वोटरों पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता। जब वे वोट देते हैं तो उनके लिए पार्टी, उसकी विचारधारा, सरकार का कामकाज ज्यादा महत्व रखता है।'