- संवाददाता
जेटली ने ब्लॉग लिख कहा- पॉलिटिकल सर्कस है महागठबंधन

नई दिल्ली वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ब्लॉग लिखकर एक बार फिर महांगठबंधन पर निशाना साधा है। जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा कि पिछले कुछ महीनों से देश महागठबंधन की बातें सुनकर ऊब चुका है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का देश भर में काम और बीजेपी की जमीन पर पकड़ इतनी मजबूत है कि कोई एक पार्टी के तौर पर इससे नहीं जीत सकती है। उन्होंने कहा भारत के लोग अपने नेताओं को उनके नाम से जज करते हैं, ना कि उनकी परंपरिक पसंद के आधार पर। जेटली ने लिखा, 'देश की सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल अब बदल चुकी है। अब लोग अपने नेताओं को उनके काम और क्षमता के आधार पर जज करते हैं कि न कि उनकी पारंपरिक पसंद के आधार पर।' उन्होंने कहा, 'हमसे 'विपक्षियों के गठबंधन' की बात कही गई है क्योंकि देश को बचाना है।, हमसे एक कॉमन मिनिमम एजेंडा प्रोग्राम का वादा किया गया है। इस गठबंधन में हर नेता पीएम पद का दावेदार है और गठबंधन का सूत्रधार बनना चाहता है। नियमित तौर पर ये नेता अपने राज्य में एक शो का आयोजन करते हैं और बाकी नेता गाड़ी में आमंत्रित किए जाते हैं।' जेटली ने एक विश्लेषण करते हुए कहा, 'अब इस मौके पर पहले दो चरणों के मतदान का नामांकन हो चुका है और तीसरे की तैयारी चल रही है, हमें स्थिति का विश्लेषण करना चाहिए।' वित्त मंत्री ने लिखा, जम्मू और कश्मीर: कांग्रेस और नैशनल कॉन्फ्रेंस का गठबंधन कुछ सीटों के पर एक-दूसरे के खिलाफ लड़ेगा। हरियाणा: किसी गठबंधन की संभावना नहीं। दुष्यंत चौटाला की पार्टी पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह कांग्रेस के खिलाफ हैं। दिल्ली: क्या AAP कभी भी कांग्रेस के साथ गठबंधन चाहती थी? आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस को 3 सीटों का प्रस्ताव दिया है। अगर यह गठबंधन पहले हुआ होता तो विधानसभा चुनाव में भी दोनों पार्टियां 70 में से 30 सीटों पर चुनाव लड़ रही होती। उत्तर प्रदेश: कांग्रेस को यहां साफ-साफ कह दिया गया है कि उसकी यहां जरूरत नहीं है। बीएसपी ने न सिर्फ कांग्रेस को गठबंधन से बाहर रखा, बल्कि देश के बाकी राज्यों में भी उसका प्रयास है कि कांग्रेस ज्यादा सीटें न जीत पाए। जेटली ने इसी तरह बिहार, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और केरल का विश्लेषण किया है। वित्त मंत्री ने लीडरशिप को लेकर जारी भिड़ंत का जिक्र करते हुए कहा, 'गठबंधन में कई नेता नेतृत्व करने का दावा करते रहते हैं। इस गठबंधन में हर नेता सिर्फ अपने लिए संभावना देख रहा है।' जेटली ने कहा कि पूर्व में भी इस तरह की सरकारें रही हैं, उनका ट्रैक रेकॉर्ड देखें तो साफ हो जाएगा कि वहां सिर्फ भ्रष्टाचार का बोलबाला रहा है।