- कर्म कसौटी
भगोड़े मेहुल चोकसी को भारत लाने को CBI और ED ने बिछाया जाल?

नई दिल्ली बड़े-बड़े फर्जीवाड़ों को अंजाम देकर देश छोड़कर भागने वाले आर्थिक अपराधियों को वेस्ट इंडीज से वापस भारत लाने की तैयारी की जा रही है। सरकार में मौजूद शीर्ष सूत्रों ने यह जानकारी दी है। इस मिशन को अंजाम देने के लिए एयर इंडिया के एक लॉन्ग-रेंज बोईंग विमान की मदद ली जा रही है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी इन भगोड़ों को पकड़कर वापस लाने के लिए वेस्ट इंडीज जाएंगे। कैरिबाई देशों के विवादित पेड सिटिजनशिप का फायदा उठाकर हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी तथा विनसम डायमंड्स के प्रमोटर जतिन मेहता जैसे भगोड़े आर्थिक अपराधियों ने इन देशों की नागरिकता ले ली है। मेहता ने कुछ साल पहले सेंट किट्स ऐंड नेविस की नागरिकता ली थी, जबकि चोकसी ने हाल में एंटीगुआ ऐंड बारबुडा की नागरिकता ली है। ये द्वीप 132 देशों में वीजा फ्री यात्रा की सुविधा देते हैं। भारत के आर्थिक अपराधियों के बीच पैसे देकर नागरिकता लेने का चलन बेहद लोकप्रिय हुआ है। जांच एजेंसी के सूत्रों ने यह भी खुलासा किया है कि चोकसी तथा नीरव मोदी जैसे लोग ही इन देशों के निशाने पर होते हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि नीरव मोदी इनमें से किसी द्वीप पर रह रहा है या नहीं। चोकसी को कैरिबियाई देश से उठाया जा सकता है, जबकि नीरव मोदी को यूरोप से उठाया जा सकता है, जहां उसके छिपे होने की उम्मीद है। प्रत्यर्पण समझौता नहीं होने की वजह से ये द्वीप भारत के भगोड़े आर्थिक अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगार बन गए हैं। इनके अलावा, अन्य देश जैसे ग्रेनाडा, सेंट लुसिया और डोमिनिसिया भी इसी तरह पैसे लेकर नागरिकता देने का काम करते हैं। डोमिनिसिया और सेंट लुसिया महज एक लाख डॉलर में ही नागरिकता और पासपोर्ट दे देते हैं, जबकि अगर पत्नी को भी नागरिकता की जरूरत है, तो इसके लिए सेंट लुसिया 1.65 लाख डॉलर और डोमिनिसिया 1.75 लाख डॉलर लेता है। वहीं, ग्रेनाडा इसी तरह का पासपोर्ट दो लाख डॉलर में देता है।