जेट एयरवेज में निवेश से कतर का इनकार, कहा- 'दुश्मन' देश का लगा है पैसा

मुंबई आर्थिक संकट में जूझ रही जेट एयरवेज की हिस्सेदारी खरीदने से कतर एयरलाइन ने इनकार कर दिया है। कंपनी के सीईओ अकबर अल-बाकर का कहना है कि जेट एयरवेज दुश्मन देश की कंपनी है और हम उसमें पैसा नहीं लगा सकते। बता दें कि भारत में ऑपरेशन करने वाली जेट एयरवेज में अबू धाबी की सरकारी कंपनी एतिहाद एयरवेज की बड़ी हिस्सेदारी है। अबू धाबी संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई का हिस्सा है, जिसके संबंध कतर से खराब हैं। यूएई समेत 4 देशों ने जून, 2017 में कतर पर आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाया था और उससे अपने सभी संबंध समाप्त कर लिए थे। यूएई के अलावा सऊदी अरब, मिस्र और बहरीन ने भी कतर से अपने संबंध खत्म कर लिए थे। सीईओ बाकर ने जेट एयरवेज में हिस्सेदारी खरीदने के सवाल पर कहा, 'हम निश्चित तौर पर इस बारे में विचार करते, यदि इसमें 24 फीसदी हिस्सेदारी एतिहाद की न होती।' सऊदी अरब, यूएई, बहरीन और मिस्र ने जून, 2017 से ही अपने क्षेत्र में कतर एयरवेज के संचालन पर रोक लगा रखी है। इस बीच सोमवार को एतिहाद एयरवेज से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कंपनी आर्थिक संकट से जूझ रही जेट एयरवेज में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की योजना बना रही है। इस बीच कतर एयरवेज का कहना है कि वह जेट एयरवेज की बजाय भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो में निवेश करने की इच्छा रखती है।