- संवाददाता
नवंबर महीने से ईरान को कच्चे तेल का पेमेंट रुपये में करेगा भारतः सूत्र

नई दिल्ली 4 नवंबर को ईरान पर दूसरे चरण का अमेरिकी प्रतिबंध लागू हो जाएगा। तब ईरान से कच्चे तेल के लिए यूरोपीय बैंकों के जरिए डॉलर में पेमेंट करना भारत के लिए मुश्किल होगा। इसलिए, भारत ने नवंबर से ईरान को भारतीय बैंकों के जरिए रुपये में पेमेंट करने का फैसला किया है। इंडस्ट्री के दो सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। मई महीने में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ 2015 में हुए न्यूक्लियर अकॉर्ड से कदम खींचने का फैसला लिया। इसके साथ ही, उन्होंने ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों को फिर से बहाल करने का भी ऐलान कर दिया। कुछ पाबंदियां 6 अगस्त से ही लागू हो गईं जबकि तेल और बैंकिंग क्षेत्र को प्रभावित करने वाले प्रतिबंध 4 नवंबर से लागू होंगे। एक सूत्र ने बताया, 'हम पेमेंट को लेकर हर विकल्प पर विचार कर रहे हैं क्योंकि हम इसमें लेटलतीफी नहीं चाहते।' सूत्रों ने बताया कि भारत ने यूको बैंक और आईडीबीआई बैंक के जरिए ईरान को पेमेंट करने का फैसला किया है। फिलहाल, ईरान से कच्चा तेल मंगानेवाली देश की रिफाइनरी कंपनियां स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और जर्मनी के एक बैंक के जरिए यूरो में भुगतान करती हैं। बहरहाल, आईडीबीआई ने इस मसले पर कोई टिप्पणी नहीं की जबकि यूको बैंक के एमडी आर के टक्कर ने फोन ही नहीं उठाया। दूसरे सूत्र ने बताया कि जब मई में अमेरिका ने ऐलान किया कि वह फिर से पाबंदियां लगाएगा तभी से ईरान कुछ माल के लिए रुपये में पेमेंट लेने लगा। जून महीने में रॉयटर्स ने बताया था कि भारत ईरान के साथ रुपये में पेमेंट करने का तंत्र दोबारा बहाल करने पर विचार कर रहा है। ईरान पर पहले लगी पाबंदी के दौरान भारत ने सामान के बदले सामान (बार्टर) जैसी व्यवस्था अपना ली थी। तब ईरान से तेल के बदले रुपया लेता था और भारत से वस्तुएं आयात करने के बदले वही रुपया देता था। पहले सूत्र ने कहा, 'हमने पहले भी 45% व्यापार रुपये के जरिए किया था, इस बार यह 100% हो सकता है। हम दोनों को यह तय करना है।' भारत चीन के बाद ईरान का दूसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है। भारत ईरान पर अमेरिकी पाबंदियों से कुछ छूट पाने की जुगत में जुटा है। हालांकि, कुछ रिफाइनरियां ईरान से तेल आयात में कटौती कर चुकी हैं क्योंकि पाबंदियों की वजह से इंश्योरेंस कंपनियां हाथ खींच रही हैं।