~युवा शक्ति~

दिल में जलती आग ये ,बुझने न पाये दिलनशी
इस वतन के काम तेरी बेरुखी भी आएगी
सच को सच कहने की हिम्मत आज तुम जो कर गए
कल देखना ये जद तुम्हारी , इंकलाब लाएगी
रुख आंधियो के, तू बदल सकता है तुझमे बात है
जड़, ख्वाब के पर्वत हिलाने की ,तेरी ओकात है
सर उठा अभिमान से ,रस जिंदगी निचोड़ दे
कर बुलंद आवाज़ अपनी,वक्त की सौगात है
तेरी एक ललकार बन्दे ,दास्तां बन जाएगी
इस वतन के काम तेरी बेरुखी भी आएगी
कल देखना ये जद तुम्हारी , इंकलाब लाएगी
अन्याय से तू छेड़ जंग,बस सत्य ही स्वीकार कर
मुल्क की तस्वीर बदलने को , लहू तैयार कर
इन दानवो ने खूब लूटा,माँ भारती की साज़ को
गर्भ लूटा ,धर्म लूटा ,लूटा है स्त्रीलाज को
नीचता का , दुष्टता का ,जड़ से तू संहार कर
इन देशखोरो के पतन से ,राहे नयी खुल जाएगी
इस वतन के काम तेरी बेरुखी भी आएगी
कल देखना ये जद तुम्हारी , इंकलाब लाएगी.