- ए. सुफियान
घाटमपुर :- 'एस्मा' के बावजूद डटे रहेंगे लेखपाल

घाटमपुर ।
पेंशन बहाली, वेतन उच्चीकरण एवं आवश्यक आधारभूत संसाधन उपलब्ध कराने की 8 सूत्री मांगों को लेकर विगत पखवारे से आंदोलनरत राज्य के लेखपालों पर बृहस्पतिवार से योगी सरकार द्वारा इसेंशियल सर्विस मेंटेनेंस एक्ट (एस्मा) लागू कर दिया गया। इस अवसर पर तहसील परिसर में अपने आंदोलनरत साथियों को संबोधित करते हुए घाटमपुर इकाई के महामंत्री नवनीत कुमार मिश्र ने कहा कि सरकार लेखपालों की जायज एवं राजस्व परिषद से अनुशंसित मांगें स्वीकार करने के बजाए आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रही है। परंतु हम डरेंगे नहीं, हम लड़ेंगे और जीतेंगे। ज्ञात हो कि अपनी 8 सूत्री मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ 19 जून से काली पट्टी बांधकर कार्य करता आ रहा है ।अपनी पूर्व घोषणा के अनुरूप वर्तमान में लेखपाल आंदोलन की धार तेज करते हुए कलमबंद हड़ताल कर तहसील मुख्यालय में धरना दे रहे हैं। लेखपाल सरकार से राजस्व परिषद से प्रस्तावित "राजस्व निरीक्षक सेवा नियमावली 2017" कैबिनेट बैठक में पास कराने पर अड़े हुए हैं ।परंतु सरकार आंदोलन को किसी प्रकार स्थगित किए जाने में रुचि रखती है ।सभा को संबोधित करते हुए घाटमपुर इकाई के अध्यक्ष राम कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि लेखपाल भारी थेला लटकाकर गांव गांव गली गली घूम कर सरकार की योजनाओं को मूर्त रूप, अंतिम रूप देते हैं। लेखपालों पर एस्मा लागू किया जाना, लेखपालों पर अत्याचार है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान समस्त तहसील के लेखपाल काम धंधा छोड़ कर कलमबंद हड़ताल पर रहे।
क्या है "एस्मा"
इसेंशियल सर्विस मेंटेनेंस एक्ट (एस्मा) एक केंद्रीय कानून है, जो सरकार को कर्मचारियों द्वारा बुलाई गई बंद, हड़ताल या आंदोलन को अवैध घोषित करने का अधिकार देता है। एस्मा लागू होने के बाद पुलिस किसी भी कर्मचारी को बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है और एस्मा के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले कर्मचारी को 1 साल तक जेल या ढाई सौ रुपए का जुर्माना हो सकता है। पिछले दिनों कर्नाटक सरकार द्वारा कूड़ा एकत्रित करने वाले कर्मचारियों पर एस्मा लागू किया जाना काफी चर्चा में रहा था।