★गजल★

मुहब्बत के उस गुमनाम शहर में मेरी पहचान बहुत है कह दो जमाने से बेइंतेहा इश्क़ के लिए मेरा नाम बदनाम बहुत है
ओर यह जो मेरी हार के किस्से फैला रहे है गलियों में, कह दो उनसे शहर में मेरी जीत के चर्चे सर-ए-आम बहुत है।
तू शातिर है मुहब्बत के इस खेल में तेरा जवाब नही, पर यार तेरा सुपर स्टार इस खेल का लाजवाब बहुत है।
राज सारे के सारे खोल देना चाहता हुँ आज ही, लेकिन क्या करूँ मुझे तेरे इजहार से इंकार बहुत है।
तू बेशक भूल गई मुझे लेकिन मुझे आज भी तुझसे प्यार बहुत है, ओर हां शायद इसीलिए यह पालीवाल नाम बदनाम बहुत है।